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निज यानी अपनी मूल भाषा से ही उन्नति सम्भव है, क्योंकि यही सारी हमारी मूल भाषा ही सभी उन्नतियों का मूलाधार है। और मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण सम्भव नहीं है। हमे विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा में ही करना चाहिये।
भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में अपनाया। इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल हुईं। 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। वर्ष 1949 से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
न्यायिक परिपेक्ष में भी हिंदी की प्रासंगिकता अछूती नहीं है । सरकारी परीक्षाएं हों या फिर कचहरी का काम हिंदी की अनिवार्यता पर आक्षेप करना बेमानी होगा ।हिंदी भाषा में कानूनी कामकाज की महत्वता को मद्देनज़र रखते हुए एमिटी विधि संस्थान , एमिटी विश्वविद्यालय के तत्वावधान में २२ एवं २३ फरवरी २०१९ को तृतीय एमिटी राष्ट्रीय हिंदी आभासी न्यायालय प्रतियोगिता २०१९ (3rd Amity National Moot Court Competition -२०१९) का भव्य आयोजन किया जा रहा हैं। प्रतियोगिता कि वाद समस्या के अध्यन हेतु विभिन्न धर्मो के व्यक्तिगत कानून , भारतीय दंड संहिता एवं अन्य आपराधिक कानूनों के सन्दर्भ में पढ़ा जा सकता हैं ।आशा करते हैं कि आप सभी अपनी सफल प्रतिभागिता से हिंदी भाषा को समर्पित इस शैक्षणिक यज्ञ में अपने प्रयत्नों से आहूति देंगे।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
- प्रतियोगिता की तिथि : 8 एवं 9 मार्च 2019
- पंजीकरण कि अंतिम तिथि: 6 फरवरी 2019
- स्मृतिका (Memorial) को जमा करने कि अंतिम तिथि (हार्ड कॉपी एवं सॉफ्ट कॉपी ): 18 फरवरी 2019.
- प्रतियोगिता सम्बन्धी समस्याओं के समाधान हेतु अंतिम तिथि: 10 फरवरी 2019.
पंजीकरण शुल्क
₹ ३००० – प्रवास शुल्क के साथ(With Accommodation)
संपर्क करें
श्रीमान तुषार वेद सक्सेना (अध्यापक समन्वयक )
पूजा पल्लवी(छात्र समन्वयक) – 8800626073
संवादी ईमेल (प्रतियोगिता सम्बन्धी समस्त समस्या निवारण एवं स्मृतिका(Memorial) कि सॉफ्ट कॉपी भेजने हेतु) – Studentbarforum@gmail.com
महत्वपूर्ण लिंक